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Varanasi: 5 Essential Sights of Spirituality & Culture

Last Updated on 5 months by Kashif Rahman

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Varanasi, भारत के प्रमुख पवित्र नगरों में से एक है जो अपने अद्वितीय और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इस समृद्ध और प्राचीन शहर को गंगा नदी के किनारे स्थित होने का गर्व है।

वाराणसी को बनारस ,अक्षयवट और काशी भी कहा जाता है और इसे हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। यह एक ऐसा स्थान है जहाँ हिंदू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म के पवित्र स्थल हैं जो इसे धार्मिक महत्व का केंद्र बनाते हैं।

यहाँ के मंदिर, घाट, और संतों की विरासत अद्भुत और प्रभावशाली हैं। वाराणसी के अध्यात्मिक वातावरण में सुखद और शांतिपूर्ण घाटों पर सूर्योदय और सूर्यास्त का दर्शन करना, गंगा में स्नान करना और गंगा आरती का अनुभव करना, सभी को आत्मानुभूति और पवित्रता की अनुभूति कराता है।

यहाँ प्रतिवर्ष कई त्यौहार आयोजित होते हैं जो वाराणसी की रंगीनता और जीवनशैली को प्रकट करते हैं। वाराणसी एक ऐसा शहर है जो कि अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, अद्वितीय आर्किटेक्चर, आध्यात्मिकता और सद्भाव की अनुभूति कराता है।

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Varanasi में दर्शनीय स्थल – Tourist Places in Varansi

यू तो वाराणसी में ढेर सारे दर्शनीय स्थल है ,लेकिन उनमे से 5 प्रमुख स्थल के बारे में मैं इस ब्लॉग में विस्तार से बताने जा रहा हूँ,जहाँ आप को ज़रूर घूमना चाहिए।

काशी विश्वनाथ मंदिर

वाराणसी

काशी विश्वनाथ मंदिर हिंदू धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर वाराणसी शहर में स्थित है और शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

यह स्थान भक्तों को आध्यात्मिक एवं मानसिक शांति की प्राप्ति का अवसर प्रदान करता है। काशी विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव के शिवलिंग की पूजा की जाती है, और यहाँ की माहेश्वर पूजा विशेष रूप से प्रसन्नता और आनंद का अनुभव कराती है।

मंदिर की महिमा, शोभा और आध्यात्मिकता को देखकर आदमी का मन शांति और शिव प्रेम से भर जाता है।

यह स्थान धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक और धार्मिक दर्शनों का अनुभव कराता है।

आधिकारिक वेबसाइट -https://shrikashivishwanath.org

दशाश्वमेध घाट

वाराणसी

दशाश्वमेध घाट वाराणसी का प्रमुख और सबसे पुराना घाट है, जिसे इसकी प्रमुखता के लिए प्रसिद्ध किया जाता है। यहाँ हर दिन सूर्यास्त के समय भक्तों की भीड़ इकट्ठी होती है, जहाँ गंगा आरती का आयोजन होता है।

इस आरती के समय घाट पर धर्मिक भजन, कीर्तन और अंगीकारी गान का माहौल बनता है। इस स्थान पर गंगा में स्नान करने और पिंड दान करने का विशेष महत्व है।

यहाँ से नगर की गहरी धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण की अनुभूति की जा सकती है। दशाश्वमेध घाट वाराणसी की विरासत का अद्वितीय हिस्सा है और भारतीय संस्कृति और धार्मिकता के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त करता है।

इसका दर्शन करने से मन को आनंद, शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव होता है।

दशाश्वमेध घाट गंगा नदी का एक प्रमुख और प्रसिद्ध घाट है जो वाराणसी के धार्मिक और पौराणिक महत्व को दर्शाता है। इस घाट का नाम “दशाश्वमेध” है क्योंकि यहाँ परंपरागत रूप से दस अश्वमेध यज्ञों की प्रतिष्ठा की जाती थी।

घाट की सुंदरता और मान्यताओं के साथ-साथ, यहाँ के धार्मिक आयाम भी उच्च हैं। दशाश्वमेध घाट पर बहुत सारे मंदिर स्थित हैं, जिनमें काल भैरव, गंगा देवी, केदारेश्वर मंदिर आदि शामिल हैं।

इसके अलावा, घाट पर कार्यक्रम और श्रद्धालुओं की धार्मिक गतिविधियां भी आयोजित होती हैं। इसके निकट ही मनिकर्णिका घाट भी स्थित है, जहाँ शव दहन की परंपरा चली आ रही है।

दशाश्वमेध घाट वाराणसी की आध्यात्मिकता, सांस्कृतिकता और धार्मिकता का प्रतीक है, जहाँ आने वाले लोग अपने मन को शुद्ध करने, प्रार्थना करने और ध्यान करने का अवसर पाते हैं।

सारनाथ

varansi
Saarnaath

सारनाथ (Sarnath) एक प्रमुख पारम्परिक और धार्मिक स्थल है जो वाराणसी (Varanasi) शहर के पास स्थित है।

यह बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थस्थान है और गौतम बुद्ध द्वारा पहली बार धर्म चक्रवर्ती प्रवचन का आयोजन किया गया था।

यहां आने वाले लोग धार्मिकता, शांति और स्पिरिचुअलिटी का आनंद लेते हैं। सारनाथ अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए भारतीय और विदेशी पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।

सारनाथ में कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं जिनमे से प्रमुख ये हैं।

धर्मरक्षा स्तूप: यह स्तूप धर्मरक्षा के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। यह बुद्ध के प्रवचन के पश्चात उनके शिष्यों द्वारा बनाया गया था।

महाबोधि विहार: यह विहार बौद्ध धर्म के प्रमुख स्मारकों में से एक है। यहां प्रवचन हॉल, ध्यान कक्ष और मुख्य मंदिर होते हैं।

चित्रगुप्त स्तूप: यह स्तूप चित्रगुप्त नामक गुप्त शासक के समर्पित है और उसकी स्मृति में बनाया गया है। यह स्तूप बौद्ध संघ की एक प्रमुख आदर्श है।

मुलगंध कुटी वाणी: इस स्थान पर बुद्ध ने अपने प्रवचनों का प्रसार किया था। यहां पर्यटक बुद्ध के धर्मिक वचनों को सुन सकते हैं।

सारनाथ म्यूजियम: यह म्यूजियम बौद्ध संदर्भों, प्राचीन कला और विभिन्न धार्मिक अवशेषों की अद्भुत संग्रहशाला है। यहां आप इतिहास, कला और संस्कृति के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

चौकंधी स्तूप: यह स्तूप चौकंधी नामक शासक के समर्पित है और वह धर्मरक्षा स्तूप के पास स्थित है। इसे विशेष धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व हासिल है।

अस्सी घाट

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Assi Ghat Varansi

अस्सी घाट वाराणसी का एक प्रमुख और प्रसिद्ध घाट है जो संसार की सबसे पुरानी घाटों में से एक है। यह घाट गंगा नदी के किनारे स्थित है और शहर के मध्य भाग में स्थित है। अस्सी घाट का नाम पुरानी कथाओं में उल्लेखित गंगा नदी के अस्सी (80) घाटों में से एक माना जाता है।

अस्सी घाट पर श्रद्धालु और यात्री धार्मिक संस्कारों, स्नान, और पुण्य क्रियाओं के लिए आते हैं। यहां विभिन्न पूजाओं और अनुष्ठानों का आयोजन होता है और श्रद्धालु गंगा जल की प्राप्ति करते हैं।

अस्सी घाट का परिदृश्य वास्तव में बहुत प्रभावशाली है। सुबह की सूर्योदय के समय यहां आरती का आयोजन होता है जिसे देखने के लिए लाखों लोग आते हैं। यहां से आप गंगा नदी की सुंदरता को देख सकते हैं और प्राकृतिक शांति का आनंद ले सकते हैं।

अस्सी घाट पर आपको चाय और स्नान के लिए सामग्री तथा ब्रह्मचारी व देवधर्म के अनुरूप अन्य आवश्यक सामग्री की आपूर्ति मिलेगी। यहां आप वाराणसी की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वातावरण का आनंद ले सकते हैं और घाट की शांतिपूर्ण माहौल में खुद को डूबने का मौका पा सकते हैं।

(फोटो साभार : Navbharat Times)

संकट मोचन हनुमान मंदिर

संकट मोचन
संकट मोचन हनुमान मंदिर

संकट मोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी के एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भारत के प्रमुख नगरों में से एक, वाराणसी में स्थित है। यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है।

संकट मोचन हनुमान मंदिर का निर्माण 1963 में हुआ था और यह समय के साथ विस्तारित होता रहा है। मंदिर का मुख्य द्वार प्राचीन भारतीय संस्कृति के आदान-प्रदान के साथ देवी-देवताओं के सुंदर मूर्तियों से सजा हुआ है।

संकट मोचन हनुमान मंदिर में हर साल बड़े उत्सव आयोजित होते हैं, जिनमें हजारों श्रद्धालु भाग लेते हैं। हनुमान जयंती, रामनवमी और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसे महत्वपूर्ण पर्वों पर मंदिर विशेष आयोजन करता है। इन अवसरों पर, मंदिर और इसका आस-पास क्षेत्र उमंग और धार्मिक गतिविधियों से भर जाता है।

मंदिर में भगवान हनुमान के लिए उच्चारण और पूजा की जाती है और श्रद्धालु उनसे अपनी मनोकामनाएं पूरी करवाने के लिए उनसे प्रार्थना करते हैं। यहां परंपरागत रूप से प्रातःकालीन आरती और संध्या कालीन आरती भी होती है, जिसमें श्रधालुओं की अपार भीड़ जमा हो जाती है। यहां श्रद्धालु और पर्यटकों को मंदिर के दर्शन के साथ-साथ आस-पास के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों का भी आनंद लेने का अवसर मिलता है।

अगर आप वाराणसी यात्रा पर जा रहे हैं, तो संकट मोचन हनुमान मंदिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण और धार्मिक स्थल है, जहां आप शांति, आशीर्वाद और आनंद का अनुभव कर सकते हैं।

दोस्तों यूँ तो वाराणसी में ढेर सारे पर्यटन स्थल हैं,जहाँ हमें ज़रूर घूमना चाहिए। लेकिन ऊपर दिए गए पांच पर्यटन स्थल वर्ल्ड फेमस है। इसलिए वाराणसी इन पर्यटन स्थलों को ज़रूर एक्स्प्लोर करना चाहिए।

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Kashif Rahman

My name is Kashif Rehman. I am interested in topics related to blogging, digital marketing, WordPress SEO, technology, internet and computers, travel and foods. There are many good blogs written in English language, but there is a huge lack of quality content in Hindi. Keeping this in mind, I have started this blog in January 2023. For more information see the About Me page.

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